Monday, October 5, 2009

मुर्गों के नीचे दब गई औरत की अस्मीता

(जांच)
प्रदेश के मुख्यमंत्री जिस कन्यादान में लड़कियों के भाई और मामा की भूमिका निभा रहे हैं उसमें ही दान देने के पहले बहन और भानजियों को नंगा करने पर वबाल सा मच गया। कलेक्टर शहडोल भी जोश में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की बात भी कह गए। मीडिया में सारी बातों का खुलासा होते ही राजनीति दलों में खींचतान मची। एक हफ्ते बाद राज्य और राष्ट्रीय महिला आयोग की नींद से जागा। महिलाओं के साथ हुए अन्याय के लिए लड़ने को संगठनों ने भी कमर कसी। महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ करने का मुद्दा दोनों सदनों में हंगामा मचाने के लिए काफी हो गया।
दिल्ली से राष्ट्रीय महिला आयोग की तीन सदस्य (आदिवासी इलाके से सिर्फ अंग्रेजी बोलने और समझने वाली दो महिलाएं उनके साथ भोपाल की एक स्थानीय नेता) शहडोल पहुंची। दिनभर सरकारी आवभगत स्वीकारने के बाद शाम को कलेक्टर और एसपी से मामले की पूछताछ की गई। अगले दिन से गांव का दौरा। फिर एक बार महिलाओं ने उस शर्मनाक स्थिति का वर्णन किया। सारी बातें सुन इसी जांच दल ने मीडिया में खुलासा किया कि महिलाओं के बड़ा साथ अन्याय हुआ। दिल्ली से भेजी जाने वाली रिपोर्ट में मप्र सरकार से जवाब मांगने के साथ दोषियों पर कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।
आठ दिनों बाद दिल्ली में एक केंद्रीय मंत्री (महिला)ने रिपोर्ट का खुलासा करते हुए बताया कि शहडोल में कौमार्य परीक्षण जैसा कुछ नहीं हुआ है। महिलाओं का जो परीक्षण हुआ उसमें कुछ भी गलत नहीं है।
सरकार अब कटघरे से बाहर थी और इस दोषमुक्त होने के लिए चुकाई गई कीमत थी 18 हजार रुपए के मुर्गे जो राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम की खातीरदारी में शहीद हुए। लगभग एक महीने बाद किसी अन्य जांच की बात करते हुए पुलिस प्रशासन के आला अफसर ने अनऔपचारिक बातचीत में जांच की सच्चाई का खुलासा करते हुए कहा कि औरतों से निपटना कौन सी बड़ी बात है, 17 हजार रुपए के मुर्गे खाएंगी और हमारी चाही रिपोर्ट बनाएंगी।
यह सुनने के बाद तो मेरा महिलाओं और उनकी न्याय क्षमता से ही विश्वास उठ गया। इसके बाद मेरा यह सोच की इतनी जांच करना और महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अन्याय पर हंगामा मचाने से यह भला नहीं है कि इसे स्वीकार कर लिया जाए क्योंकि महिलाएं भी ऐसा ही चाहती हैं।

5 comments:

  1. Hey Bhumi,
    will u tell me how to post a comment in hindi? and did u recieve my earlier comments?

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  2. अ. राष्ट्रीय महिला आयोग की तीन सदस्यों ने अठारह हजार के मुर्गे कैसे खा लिये? एक मुर्गा कितने का आता है? कुल कितने मुर्गे खिलाये गये? प्रति महिला ने कितने मुर्गे खाये?

    ब. क्या महिला आयोग मुर्गे खाकर मनचाही रिपोर्ट बना देता है? यदि हां तो अब तक जितनी भी रिपोर्टें बनी है वह सारी की सारी रिपोर्टे अविश्वसनीय हुईं ना?

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  3. aapko padhne ke baad yah kaha ja sakta hai ki mahila hi mahila ki dusman hai. yadi yah sach hai to pura sach saamne lana hoga jo ki bahut himmat ka kam hoga. is muhim main main aapke saath hun.
    Best wishes.
    Happy Diwali.

    Shailendra Saxena"Sir"
    Director.
    Ascent English Coaching
    Ganj Basoda
    & freelance Reporter.
    09827249964

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  4. मुर्गा लड़ाई या खूनी खेल
    www.ganganagarpr.com/cock-fight.html

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