Thursday, October 13, 2011

‘जगमग सेना’ और ‘आवाज’ बदल रहे हैं तस्वीर


शिवपुरी से भूमिका कलम
उम्र महज 12 से 18 साल लेकिन हाथों में कलम थामे वे गांव की तस्वीर को बदलने की जिद रखते हैं। गुना जिले के लगभग 50 गांव के 250 से अधिक बच्चे इन दिनों अपने गांव की समस्याओं उनके निदान और उपायों के बारों में बड़ों से भी गंभीर चर्चा कर रहे हैं। इन बच्चों ने बुधवार को शिवपुरी से 20 किमी की दूरी पर तानपुरा के हाईस्कूल में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित हाथ धुलाई कार्यक्रम का कवरेज किया। उन्होंने यह तय किया है कि वे अपने अखबार ‘जगमग’ और ‘आवाज’का अगला अंक हाथ धुलाई स्वच्छता पर केंद्रीत करेगा।
‘आवाज’ और ‘जगमग’ नाम प्रकाशित बच्चों के अखबारों में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से अब ये बच्चे ग्रामीण इलाके की समस्याएं हो या अपने किसी साथी का उपलब्धी हर बात पर पैनी नजर रखते हैं। गुना से मासिक प्रकाशित होने वाले बच्चों के इन दो अखबारों के साथ ही अब जल्द ही शिवपुरी से भी ऐसा ही अखबार प्रकाशित होगा।
14 साल के हेंमत आवाज के लिए रिपोर्टिंग करते हैं। ग्राम सोटाया भमौरी के शासकीय हाईस्कूल में पढ़ने वाले हेमंत ने जब आवाज के माध्यम से अपनी पंचायत को बताया कि कैसे स्कू ल के रास्ते में फैली गंदगी के कारण बच्चों को परेशानी हो रही है। इस बात को गंभीरता से लेते हुए सरपंच ने न सिर्फ रास्ता साफ कराया बल्कि उस रास्ते में कांक्रीट का भराव करवा दिया।
आठवीं के छात्र राजकुमार साहू ने अपनी कलम से लिखा कि स्कूल का काम पूरा नहीं हो पाने के कारण स्कूल में पूरी कक्षाएं एक साथ नहीं लग पा रही है। इस बारे में भी ग्राम सभा में चर्चा की गई।
भदौरा गांव के आठवीं के छात्र अतुल कुशवाह अखबार में सफाई के बारे में जागरूकता के लेख लिखने के साथ ही कविता लिखने में भी रूचि रखते हैं।
नेगमा आठवीं के छात्र द्वारका ने अपनी रिपोर्ट एक हाल ही में देखी दुर्घटना पर बनाई और लिखा कि किस तरह से शराब पीकर ट्रैक्टर चलाने वाले ड्राइवर के कारण 4 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
बच्चों की इस टीम से साथ काम करने वाले विनित सारस्वत और महेंद्र सिंह मौर्य ने बताया कि इन बच्चों की पहले से कई मामले ग्राम सभा के समाने आए और उन पर चर्चा के बाद कई काम भी हुए। महेंद्र ने बताया कि यूनिसेफ की मदद से ग्रामीण बच्चों को मखर बनाया जा रहा है।
यह हेडिंग है उन नन्हें बच्चों के अखबार की
स्वच्छ रहे स्वस्थ्य रहो: एक गांव की रिपोर्ट
स्कूल को जगमग करने में जुटी जगमग सेना
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खेजरा में जल संकट
ऐसी बारीश कभी न देखी

1 comment:

  1. बच्चों के हौसले को सलाम
    इस उम्र में जहां ज्यादातर बच्चे सिर्फ खेलने-कूदने में अपना वक्त बिताते हैं, वहीं ये बच्चे न सिर्फ अपना काम जिम्मेदारी से कर रहे हैं, बल्कि बड़ों को भी जिम्मेदारी का पाठ पढ़ा रहे हैं। इनकी कोशिशों से जो सड़कें दुरुस्त हुर्इं और दूसरी गड़बड़ियों की ओर जिम्मेदार लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ, इससे इनका हौसला निश्चित रूप से बढ़ा होगा। बच्चों की इस कोशिश को आपने कवर किया और एक अच्छा प्लेटफॉर्म दिया, इसके लिए आप बधाई की पात्र हैं। इस तरह की कवरेज से निश्चित रूप से अन्य बच्चों का उत्साह बढ़ा होगा है। उनमें भी अच्छा काम करने की इच्छा पनपी होगी। एक बेहतरीन और सकारात्मक खबर पढ़कर अच्छा लगा।
    अमर सिन्हा

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