मप्र सरकार लाड़लियों के लिए भले कितनी ही योजनाएं संचालित करें, लेकिन "अगले जनम मोहे बिटीया ही किजो" धारावाहिक की "लाली" जैसी सैकड़ों नाबालिग राजधानी से दूसरे राज्यों में ब्याही जा रही हैं। ये वो लड़कियां हैं जो अपने परिवार की गरीबी दूर करने के लिए कच्ची उम्र में अधेड़ उम्र के आदमियों को महज 70 से 80 हजार रुपए में बेच दी जाती हैं। जीवन का यह सौदा शादी के लिबास में इस बखूबी से अंजाम दिया जा रहा है कि, न ब्याही जा रही लड़की को पता चलता है और ना ही माता

पड़ताल बताती है कि भोपाल के इदगाह हिल्स, बाजपेयी नगर, बैरागढ़, कोहेफिजा, 12 नंबर के आसपास की झुग्गियों से 18 साल पहले ही सैकड़ों लड़कियों का सौदा परिजनों की मर्जी से अघेड़ उम्र के आदमियों के साथ राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में किया गया है। यहीं की कुछ महिलाओं की दलाली के कारण यह प्रक्रिया कुछ सालों से जारी है। बेची गई लड़कियों की छोटी बहनों ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि बहुत अधिक उम्र के आदमियों से बहनों की शादी हुई है लेकिन अब वे यहां कभी आती ही नहीं।
13 साल की लड़की 35 साल का दूल्हा
कोहेफिजा बस्ती में रहने वाली रूकमनी बाई ने बताया कि सात महीने पहले ही 13 साल की रेखा को 40 साल के अधेड़ के साथ ब्याह दिया गया। रेखा के पिता मजदूरी कर घर चलाते हैं और उसकी मां भी घरों में काम करती है। लेकिन 80 हजार के लालच में राजस्थान के ग्रामीण इलाके में रेखा का सौदा कर दिया गया।
शादी बन गई कैद
तीन महीने पहले 16 साल की सविता को भी उसकी मर्जी के बिना उदयपुर में एक आर्थिक समृद्ध परिवार के 39 वर्षिय आदमी से ब्याह दिया गया। सविता शादी के एक महीने बाद ही वहां से भागकर वापस भोपाल आ गई। इस बारे में जब उसकी मां और भाई बात करने उदयपुर गए तो आदमी ने उन्हें कैद कर जान से मारने की घमकी दी और सविता के बदले दिए गए 70 हजार रुपए वापस मांगे। परिजनों ने सविता को वापस उसी माहौल में भेज दिया।
अपनी बाहदुरी से बची पूनम
शराबी पिता के नशे की भेंट चढ़ने से 16 साल की पूनम अपनी बाहदुरी के कारण बच गई। इदगाह हिल्स के आसपास बनी झुग्गियों में रहने वाली पूनम जब घर पहुंची तो छोटी बहन से पता चला कि उसकी 42 साल के अधेड़ से तय की गई है। पूनम ने शादी के एनवक्त पर ही हंगामा खड़ा कर मना कर दिया।
बहनों की शादी से बेखबर रही गनूजा
14 साल की गूंजा अपनी दो बड़ी बहनों की शादी से एकदम बेखबर है, क्योंकि उसके सामने तो शादी हुई ही नहीं। माता- पिता बहनों को वैष्णव देवी लेकर गए और उसके बाद बहनें घर नहीं आईं।